Essay on Crow in Sanskrit
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काकः इति विषये संस्कृते निबन्धः।
काकः एकः प्रज्ञातः खगः। सः वृक्षेषु वसति।
काकस्य वर्णः कृष्णः। तस्य वर्णः तस्य विशेषता। तस्य द्वौ पक्षौ कृष्णवर्णौ। तस्य नेत्रयोः वर्णः अपि कृष्णः। तस्य चञ्चुः कृष्णवर्णा।
काकस्य कर्कशवाणी तस्य अन्यं वैशिष्ट्यम्। काकस्य पिकस्य च वर्णः एकः एव। तयोः भेदः वाणी। वसन्ते पिकः सुन्दरं कूजति। तदा काकस्य सत्यं स्वरूपं ज्ञायते।
काकः शाकाहारी मांसाहारी च अस्ति। सः सर्वान्नभक्षकः। कदाचित् सः पर्णानि खादति। कदाचित् सः लघून् पशून् खादति।
यदा काकः आगच्छति, तदा जनाः कथयन्ति, “अधुना अतिथिः आगमिष्यति” इति। काकस्य धर्मे अपि महत्त्वपूर्णं स्थानम् अस्ति। अन्तिमसंस्काराणां समये यदा काकः पिण्डं खादति, तदा आत्मा शान्तिं प्राप्नोति, इति मन्यते।
कृष्णः काकः एकः विशेषः खगः अस्ति।
Essay on Crow
The crow is a well-known bird. It lives in trees.
The crow is black in colour. Its colour is its speciality. Its two wings are black. Its eyes are also black. The colour of its beak is also black.
The hoarse voice of the crow is another one of its specialities. The crow and the cuckoo are the same in colour. The difference between them is their voice. The cuckoo sings beautifully in spring. At that time, the true form of the crow is revealed.
The crow eats both plants and animals. It is an omnivore. Sometimes, it eats leaves. Sometimes, it eats small animals, too.
People believe that a guest will arrive at their home if they see a crow. The crow also holds an important place in religion. During the last rites of a funeral, when the crow eats the Pindas (balls of rice meant for the dead), it is believed that the soul will attain peace in the afterlife.
The black crow is truly a unique bird.
कौआ पर निबंध
कौआ एक प्रसिद्ध पक्षी है। यह पेड़ों में रहता है।
कौवे का रंग काला होता है। इसका रंग इसकी विशेषता है। इसके दो पंख काले होते हैं। इसकी आँखें भी काली हैं। इसकी चोंच का रंग भी काला होता है।
कौवे की कर्कश वाणी इसकी एक दूसरी विशेषता है। कौआ और कोयल एक ही रंग के होते हैं। उनके बीच का अंतर उनकी वाणी है। कोयल वसंत ऋतु में बहुत सुन्दर गाती है। उस समय कौवे का सत्य स्वरूप सामने आता है।
कौआ शाकाहारी और मांसाहारी दोनों है। यह एक सर्वाहारी है। कभी-कभी यह पत्ते खाता है। कई बार यह छोटे जानवरों को भी खा जाता है।
जब लोग कौए को देखते हैं, तब वे कहते हैं, “अब एक मेहमान ज़रूर घर आएगा”। कौवे का धर्म में भी महत्वपूर्ण स्थान है। अंतिम संस्कार के समय, जब कौआ पिंडों को खाता है, तो यह माना जाता है कि आत्मा को शांति मिलती है।
काला कौआ एक अनोखा पक्षी है।