Essay on Dog in Sanskrit
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शुनकः इति विषये संस्कृते निबन्धः।
मनुष्यैः नैके पशवः पालिताः। विविधानां जनानां विविधाः पशवः प्रियाः। परं सर्वेषु पशुषु शुनकः मम प्रियः। तस्य अन्यं नाम वर्तते। तत् ‘कुक्करः’ इति अस्ति। शुनकः साधारणतया १५ वर्षेभ्यः जीवति।
शुनकः आनन्दपूर्णः पशुः अस्ति। सः सर्वत्र स्वस्य आनन्दं प्रसारयति। शुनकस्य समीपे भूत्वा दुःखं तु अशक्यम् एव।
शुनकः न केवलम् आनन्ददायकः, परं स्नेहमयः पशुः अपि अस्ति। यदि तस्य समीपे कोऽपि दुःखी अस्ति, तर्हि सः तं दुःखीम् आनन्दितं कर्तुं प्रयत्नं करोति। शुनकः निष्ठावान् पशुः अपि अस्ति। सः कदापि स्वस्य स्वामिनं न त्यजति।
शुनकेन सह वयं क्रीडितुं शक्नुमः। बहवः जनाः शुनकेन सह कन्दुकेन क्रीडन्ति। जनः कन्दुकं क्षिपति। शुनकः तत्र गत्वा कन्दुकं आनयति। एतेन प्रकारेण क्रीडा प्रचलति।
शुनकः गृहस्य रक्षकः अपि अस्ति। यदि चौरः आगतः, तर्हि शुनकः उच्चैः बुक्कति। एतेन प्रकारेण सः चौरेभ्यः गृहस्य रक्षणं करोति।
एतेभ्यः सर्वेभ्यः कारणेभ्यः शुनकः मम प्रियः पालनीयः पशुः। सत्यमेव उक्तम् –
Essay on Dog
Humans have domesticated many animals. Different people like different animals. But the dog is my favourite animal of all. It has another name. It is called ‘Kukkara’. A dog normally lives for 15 years.
The dog is a very cheerful animal. It spreads its cheeriness wherever it goes. It is impossible to not feel happy when being around a dog.
The dog is not only a joyful animal but is also very loving. If there is anybody unhappy or sad near a dog, then it tries its best to cheer up the person who is feeling down. The dog is also a very loyal animal. It will never leave its owner.
We can also play with dogs. Many play ‘catch’ with their dogs with a ball. The person throws the ball. Then, the dog goes there and brings the ball back. The game continues in this way.
The dog is also the protector of the house. If there is a burglar in the house, then the dog barks loudly. This way, it protects the house from burglars.
The dog is my favourite domestic animal for all these reasons. It is truly said –
कुत्ता पर निबंध।
मनुष्यों ने कई पशुओं को पालतू बनाया है। अलग-अलग लोग अलग-अलग पशुओं को पसंद करते हैं। परंतु कुत्ता मेरा सबसे पसंदीदा पशु है। इसका एक और नाम है। वह ‘कुक्कर’ है। कुत्ते का जीवन साधारणतः १५ वर्ष का होता है।
कुत्ता बहुत ही आनंदपूर्ण पशु है। यह जहाँ भी जाती है अपनी खुशी बाँटता है। कुत्ते के आस-पास होने पर खुश न होना असंभव है।
कुत्ता न केवल एक आनंददायक पशु है परंतु बहुत स्नेहमय भी है। यदि कुत्ते के पास कोई दुखी है तो वह उस निराश व्यक्ति को खुश करने का प्रयत्न करता है। कुत्ता बहुत वफादार पशु है। यह अपने मालिक को कभी छोड़कर नहीं जाता।
हम कुत्ते के साथ खेल भी सकते हैं। बहुत लोग कुत्ते के साथ गेंद से खेलते हैं। सबसे पहले, व्यक्ति गेंद फेकता है। कुत्त वहाँ जाकर गेंद वापस लाता है। इस प्रकार से खेल चलता है।
कुत्ता घर का रक्षक भी होता है। यदि घर में चोर आया है, तो कुत्ता जोर से भौंकता है। इस तरह, कुत्ता घर का रक्षण करता है।
इन सभी कारणों से कुत्ता मेरा पसंदीदा पालतू पशु है। सच ही कहा है –