Essay on Festival of Holi in Sanskrit
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Video of Essay on Holi in Sanskrit
होलिकोत्सवः इति विषये संस्कृते निबन्धः।
भारतम् एकः विशेषः देशः। अस्य देशस्य वैशिष्ट्यम् उत्सवाः। एतेषु एकः उत्सवः होलिकोत्सवः।
होलिकोत्सवः सर्वेषां प्रियः उत्सवः। अयम् उत्सवः फाल्गुनमासस्य पौर्णिमायां भवति। होलिकोत्सवः मूलतः धार्मिकः उत्सवः अस्ति।
पौराणिककथासु भगवतः विष्णोः महाभक्तः आसीत्, प्रह्लादः। तस्य पिता हिरण्यकशिपुः। तस्मै तस्य पुत्रस्य वुष्णुभक्तिः न रोचते स्म। अतः सः भगिनीं होलिकाम् अकथयत्, “एतेन सह अग्नौ उपविश।” इति। होलिका देवेभ्यः वरं प्राप्नोत् यत् अग्नौ तस्याः दहनं कदापि न भविष्यति। परं प्रह्लादस्य विष्णुभक्तेः कारणात् सः सुरक्षितः आसीत्, परं होलिकायाः दहनम् अभवत्।
होलिकोत्सवस्य द्वे दिने स्तः। प्रथमे दिने सायङ्काले जनाः काष्ठानि तृणानि च ज्वालयन्ति। अस्मिन् दिने पापानां दहनं भवति, इति जनाः मन्यन्ते।
द्वितीयं दिनं ‘धूलिवन्दनम्’ इति अस्ति। बालकाः, युवकाः प्रौढाः च मिलित्वा रङ्गैः खेलन्ति। सर्वे आनन्देन मिष्टान्नानि खादन्ति। अस्मिन् दिने केवलम् आनन्दः अस्ति, न च क्रोधः।
होलिकोत्सवे परस्परसौहार्दं वर्धते। एतस्य भारतीयसंस्कृतौ महत्त्वपूर्णं स्थानम् अस्ति। होलिकोत्सवः मम प्रियः उत्सवः अस्ति।
Essay on Holi Festival
India is a very unique country. Its uniqueness lies in its many festivals. One such festival is Holikotsava, or the Festival of Holi.
The festival of Holi is loved by all. This festival happens on the full moon night of the month of Phalgun.At its most basic, Holi is a religious festival.
In the ancient stories, there was a great devotee of Lord Vishnu, Prahlada. His father was Hiranyakashipu. He did not like his son’s devotion towards Lord Vishnu. So, he commanded his sister, Holika, “You must sit with Prahlada in fire.” Holika had got a boon from the Gods that fire could never harm her. However, due to the great devotion of Prahlada, he was unharmed by the fire, while Holika was burnt by it.
The festival of Holi is celebrated in two days. On the evening of the first day, wood and grass are burned. It is believed that all evil and sins are burned.
The second day is Dhulivandan. Both children and adults come together to play with colours. All eat sweets with happiness. On this day, everybody is happy and there is no anger.
The festival of Holi helps us socialize and promote peace among people. This festival holds an important place in Indian culture. Holi is my favourite festival.
होली के त्योहार पर निबंध।
भारत एक विशेष देश है। इसकी विशिष्टता इसके अनेक त्योहार हैं। ऐसा ही एक त्योहार है होली।
होली का त्योहार सभी को प्रिय है। यह फाल्गुन मास की पूर्णिमा की रात को होता है।होली एक धार्मिक त्योहार है।
प्राचीन कथाओं में भगवान विष्णु के बहुत बड़े भक्त, प्रह्लाद, थे। उनके पिता हिरण्यकशिपु थे। उन्हें अपने पुत्र की भगवान विष्णु के प्रति भक्ति पसंद नहीं थी। इसलिए, उन्होंने अपनी बहन, होलिका, को आज्ञा दी, “तुम प्रह्लाद के साथ आग में बैठो” होलिका को देवताओं से वरदान मिला था कि अग्नि उसे कोई नुकसान नहीं पहुँच सकता। परंतु, प्रह्लाद की महान भक्ति के कारण, वह आग से अप्रभावित था, लेकिन होलिका उससे जल गई थी।
होली का त्योहार दो दिनों में मनाया जाता है। पहले दिन के शाम, लकड़ी और घास को जलाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि सभी बुराई और पाप जल जाते हैं।
दूसरे दिन धुलीवंदन होता है। बच्चे और बड़े दोनों मिलकर रंगों से खेलते हैं। सब मिठाइयाँ खुशी से खाते हैं। इस दिन सभी खुश रहते है और गुस्सा नहीं करते हैं।
होली का त्योहार लोगों परस्पर विश्वास बढ़ाने में मदद करता है। भारतीय संस्कृति में इस पर्व का महत्वपूर्ण स्थान है। होली मेरा पसंदीदा त्योहार है।