Essay on Moon in Sanskrit
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चन्द्रः/चन्द्रमाः इति विषये संस्कृते निबन्धः।
चन्द्रः भारतीयानां प्राचीनदेवः। सागरात् चन्द्रमाः जातः इति पौराणिकमान्यता। सः लक्ष्मीदेव्याः भ्राता।
चन्द्रमाः अस्माकम् अतीव प्रियः। सर्वेषां जनानां मनसि चन्द्रविषये स्नेहः अस्ति। बाल्यात् एव एषः चन्द्रः “मातुलचन्द्रः” इति रूपेण भावजीवनं प्रविशति। आजीवनं चन्द्रः अस्माकं मनसि वसति। तस्य आह्लादकः प्रकाशः सर्वेषां प्रियः। चन्द्रः शीतलः अस्ति।
चन्द्रः कलया वर्धते क्षयते च। पौर्णिमायां चन्द्रमाः सकलसम्पूर्णः अस्ति। अमावस्यायां चन्द्रः आकाशे न दृश्यते। शशाङ्कः, निशापतिः अन्यानि बहूनि च तस्य नैकानि नामानि। प्रथमं, त्रयः अमेरिकादेशीयाः चन्द्रमसं गताः। तत्र न पयः, न वा प्राणवायुः। तत्र केवलं वालुकाप्रदेशाः भवन्ति। तत्र न वृक्षाः, खगाः पशवः च। चन्द्रः धरायाः एकः एव उपग्रहः वर्तते। कस्याः अपि भाषायाः साहित्ये चन्द्रस्य उपस्थितिः अनिवार्या।
चन्द्रमाः मह्यम् अतीव रोचते।
Essay on Moon
The Moon is an ancient God of Indians. There is an ancient tale that it was born from Earth’s ocean. Moon is the brother of the Goddess Lakshmi.
The Moon is very dear to all of us. In everybody’s mind, there is affection for the it. During childhood, the it enters our lives as “Chanda Mama”. It holds a special place in our lives. Its pleasant rays are liked by all. It is known to be very cool.
Everyday, the Moon waxes and wanes. The whole of the Moon is seen on a full moon night. On a new moon night, it cannot be seen in the sky. It has many names such as “Shashanka” and “Nishapati”. The Americans were the first to land on it. There is no water or oxygen on the Moon. There is only dust. There are no trees, birds or animals there. It is the only natural satellite of the Earth. The Moon is always included in the literature of any language.
I like the Moon very much.
चाँद पर निबंध।
चंद्र भारतीयों का प्राचीन देव है। चन्द्र का जन्म सागर से हुआ है ऐसी पौराणिक कथा है। चन्द्र लक्ष्मी देवी का भाई है।
वह सबको प्रिय है। सभी लोगों के मन में चन्द्र के प्रति स्नेह है। बचपन से ही “चंदामामा” के रूप में चंद्र हमारे जीवन में प्रवेश करता है। वह हमारे मन में आजीवन रहता है। उसका आह्लाददायक प्रकाश सबको अच्छा लगता है। वह शीतल है।
चंद्र धीरे धीरे आकार में बढ़ता है और कम होता है। पौर्णिमा का चन्द्र पूर्ण होता है। आमवस की रात चंद्र आकाश में नहीं दिखाई देता। शशांक, निशापति, इत्यादी उसके नाम हैं। अमेरिका के तीन लोग चंद्र पर गए थे। चंद्र पर पानी और प्राणवायु नहीं है। वहाँ केवल मिट्टी है। वहाँ पशु, पक्षी और वृक्ष भी नहीं हैं। चंद्र पृथ्वी का एकमात्र उपग्रह है। किसी भी भाषा के साहित्य में चंद्र का उल्लेख होना ज़रूरी है।
चंद्र मुझे बहुत प्रिय है।