Essay on My Body in Sanskrit
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मम शरीरम् इति विषये संस्कृते निबन्धः।
इदं मम शरीरम् अस्ति। एतत् मम मस्तकम्। मम मस्तिष्के कृष्णाः केशाः सन्ति।
इमौ मम द्वौ कर्णौ स्तः। अहम् आभ्यां शृणोमि। एते मम द्वे नत्रे। एताभ्याम् अहं पश्यामि। इमौ मम द्वौ हस्तौ। अहम् आभ्यां कार्याणि करोमि। आभ्यां देवं च प्रणमामि। एतौ मम द्वौ पादौ। एताभ्याम् अहं चलामि।
इदं मम मुखम्। मम मुखं वर्तुलाकारम्। तस्य वर्णः गौरः। अहं मुखेन वदामि। अनेन अहं खादामि। एषा मे जिह्वा। तया अहं रसज्ञानं करोमि। इयं मम नासिका। अनया अहं जिघ्रामि।
अहं प्रतिदिनं स्नात्वा मम शरीरं स्वच्छं करोमि। नित्यं व्यायामं कृत्वा, अहं स्वस्थः/स्वस्था भवामि।
Essay on My Body
This is my body. This is my head. There is black hair on my head.
These are my two ears. I hear using them. These are my two eyes. I see using them. These are my two hands. I do work using these. I pray to God with folded hands. Theses are my two feet. I walk using these.
This is my face. My face is circular in shape. It is fair in colour. I speak with my mouth. I eat using this. This is my tongue. I taste with my tongue. This is my nose. I smell using this.
Everyday, I bathe and keep my body clean. I regularly exercise and keep myself fit.
मेरे शरीर पर निबंध।
यह मेरा शरीर है। यह मेरा मस्तक है। मेरे सिर पर काले बाल हैं।
यह मेरे दो कान हैं। मैं कानों से सुनता/सुनती हूँ। ये मेरे दो आँखें हैं। आँखों से मैं देखता/देखती हूँ। ये मेरे दो हाथ। हाथों से मैं कार्य करता/करती हूँ। भगवान को नमस्कार करता/करती हूँ। ये मेरे दो पैर। पैरों से मे चलता/चलती हूँ।
यह मेरा मुख है। मेरा मुख गोलाकार है। उसका गोरा रंग है। मैं मुँह से बोलता बोलती हूँ। मुँह से मैं खाता/खाती हूँ। यह मेरी जीभ है। इससे मैं रसज्ञान करता/करती हूँ। यह मेरा नाक है। नाक से मैं सूँघता य सूँघती हूँ।
मैं प्रतिदिन स्नान करके शरीर को स्वाच्छ रखता/रखती हूँ। मैं नित्य व्यायाम करके स्वस्थ रहता/रहती हूँ।