Essay on Savitribai Phule in Sanskrit
This post is an essay on Savitribai Phule in Sanskrit.
सावित्रीबाई फुले पर संस्कृत निबंध।
सावित्रीबाईफुलेमहोदया इति विषये संस्कृते निबन्धः।
Translation in English and Hindi is also given for better understanding.
This essay can be referenced by school students and Sanskrit learners.
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सावित्रीबाईफुलेमहोदया इति विषये संस्कृते निबन्धः।
आधुनिकभारते शिक्षणम् इति सर्वेषाम् अधिकारः। परन्तु बहुभ्यः जनेभ्यः तादृशपरिस्थितिः नासीत्। सावित्रीबाईफुलेमहोदया एतादृशी महिला अस्ति, यया सर्वशिक्षणस्य अधिकारः सत्यपरिस्थित्याम् आनीतः।
सावित्रीबाइफुलेमहोदया जन्म ‘३ जनवरी १८३१’ इति दिनाङ्के अभवत्। तस्याः जन्मस्थलं च महाराष्ट्रराज्यस्य ‘नायगाँव’ इति आसीत्। तस्याः पिता खण्डोजीमहोदयः आसीत्, माता च लक्ष्मीबाईमहोदया आसीत्। तस्याः पतिः ज्योतिबाफुलेमहोदयः आसीत्।
सावित्रीबाईमहोदया स्त्रीशिक्षणं समर्थयते स्म। ज्योतिबामहोदयस्य प्रोत्साहनेन सा शिक्षणं गृहीतवती। सा आङ्ग्लभाषायाम् अपि पठितवती। ‘१८४८’ इति वर्षे महोदयया महोदयेन च पुणेनगरे पाठशाला प्रारब्धा। एषा पाठशाला प्रदेशे प्रथमा पाठशाला आसीत्, यस्यां कन्याभ्यः शिक्षणव्यवस्था आसीत्। सा अन्याम् अपि पाठशालां ‘१८५१’ इति वर्षे प्रारब्धवती, यस्यां अस्पृश्यमतकुटुम्बानां बालिकाः पठितुम् अशक्नुवन्।
सावित्रीबाईमहोदया दुस्स्थित्यां वर्तमानेभ्यः जनेभ्यः संस्थाः आरब्धवती। एतासु ‘महिला-सेवामण्डल’ तथा च ‘शिशुहत्याप्रतिबन्धकगृहम्’ इति संस्थे आसीत्। सा सत्यशोधकमण्डलस्यापि सदस्या आसीत्।
सावित्रीबाईमहोदया लेखनक्षेत्रे अपि प्रवीणा आसीत्। तस्याः द्वौ काव्यसङ्ग्रहौ वर्तेते – ‘काव्यफुले’ ‘सुबोधरत्नाकर’ चेति।
महोदया दुर्भिक्षकाले महारोगकाले च जनानां सहायतां करोति स्म। तदा सा जनसेवां कुर्वन्ती रोगग्रस्ता ‘१८९७’ इति वर्षे दिवङ्गता।
Essay on Savitribai Phule
In modern India, education is everyone’s right. But for many people that was not the case. Mrs. Savitribai Phule is a woman who brought the right to education for all to a true state.
Mrs. Savitribai Phule was born on ‘3 January 1831’. Her birthplace was Naigaon in the state of Maharashtra. Her father was Mr. Khandoji and her mother was Mrs. Lakshmibai. Her husband was Mr. Jyotiba Phule.
Mrs. Savitribai supported the education of women. With the encouragement of Mr. Jyotiba, she took up the lessons. She also studied in English. In ‘1848’, Mr. and Mrs. Phule started a school in Pune. This school was the first school in the region to have education for girls. She started another school in 1851, which allowed girls from untouchable families to attend.
Mrs. Savitribai started institutions for people in difficult circumstances. These included the Women’s Service Board and the Infanticide Prevention Home. She was also a member of the Truth Seeking Board.
Mrs. Savitribai was also proficient in writing. She has two collections of poems – ‘Kavya Phule’ and ‘Subodharatnakara’.
Mrs.Phule helped the people during famine and epidemics. She died in 1897 while serving the people.
सावित्रीबाई फुले पर निबंध
आधुनिक भारत में शिक्षा सबका अधिकार है। लेकिन कई लोगों के लिए ऐसा नहीं था। सुश्री सावित्रीबाई फुले एक ऐसी महिला हैं जिन्होंने सभी के लिए शिक्षा के अधिकार को एक सच्ची स्थिति में पहुँचाया।
श्रीमती सावित्रीबाई फुले का जन्म ‘3 जनवरी 1831’ को हुआ था। उनका जन्म स्थान महाराष्ट्र राज्य में नायगांव था। उनके पिता श्री खंडोजी थे और उनकी माता श्रीमती लक्ष्मीबाई थीं। उनके पति श्री ज्योतिबा फुले थे।
श्रीमती सावित्रीबाई ने नारी शिक्षा का समर्थन किया। श्री ज्योतिबा फुले के प्रोत्साहन से, उन्होंने पढ़ाई की। वह अंग्रेजी में भी पढ़ती थी। ‘1848’ में दोनों ने पुणे में एक स्कूल शुरू किया। यह स्कूल लड़कियों की शिक्षा के लिए क्षेत्र का पहला स्कूल था। उन्होंने 1851 में एक और स्कूल शुरू किया, जिसमें अछूत परिवारों की लड़कियों को पढ़ने की अनुमति थी।
श्रीमती सावित्रीबाई ने कठिन परिस्थितियों में लोगों के लिए संस्थाओं की शुरुआत की। इनमें महिला सेवा बोर्ड और शिशुहत्या निवारण गृह शामिल थे। वह ट्रुथ सीकिंग बोर्ड की सदस्य भी थीं।
श्रीमती सावित्रीबाई लेखन में भी निपुण थीं। उनके दो कविता संग्रह हैं – ‘काव्या फुले’ और ‘सुबोधरत्नाकर’।
श्रीमती सावित्रीबाई ने अकाल और महामारी के समय लोगों की मदद की। लोगों की सेवा करते हुए 1897 में उनकी मृत्यु हो गई।