Essay on Television in Sanskrit
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दूरदर्शनम् इति विषये संस्कृते निबन्धः।
विज्ञानस्य बहवः आविष्काराः सन्ति। यथा – आकाशवाणी, दूरवाणी, दूरदर्शनम्,सङ्गणकः च। वयं तान् सर्वान् गृहेषु उपयोजयामः। तेषु दूरदर्शनं मुख्यम्, इति अहं मन्ये।
दूरदर्शनम् अधुना सर्वत्र अस्ति। ग्रामे वा नगरे वा, दूरदर्शनं प्राप्यते। धनवान् वा निर्धनः वा, सर्वेषां गृहेषु दूरदर्शनम् अस्ति।
दूरदर्शनम् एकं प्रसारमाध्यमम्। तत् नैकेभ्यः कारणेभ्यः उपयुक्तम्। बालकाः तेषां मनोरञ्जनाय तत् पश्यन्ति। प्रौढाः वार्ताः द्रष्टुं तत् पश्यन्ति। कदाचित् वृद्धाः भजनकार्यक्रमेभ्यः तत् पश्यन्ति। दूरदर्शनं सर्वेषाम् एव प्रियम्।
दूरदर्शनस्य अपि एका कथा अस्ति। प्रारम्भे, दूरदर्शने वर्णाः न आसन्। सर्वं कृष्णे श्वेते च आसीत्। अनन्तरं विविधाः वर्णाः उपलब्धाः अभवन्। दूरदर्शनस्य आकारः विशालः अभवत्, तत् च कृशः अभवत्।
यदा दूरदर्शनं जनाः अधिकाय समयाय पश्यन्ति, तदा ते सर्वाणि अन्यानि कार्याणि विस्मरन्ति। परं, दूरदर्शनम् एकं यन्त्रम् एव। वयं तत् दायित्वेन उपयोजयेम।
‘दूरदर्शनम्’ इति यन्त्रम् अस्माकं जीवनस्य महत्त्वपूर्णः भागः अस्ति।
Essay on Television
There have been many inventions because of science. E.g. – The radio, phone, television and computer. We use all of these in our homes. I believe that television is the most important of them.
The television can be found everywhere now. It can be found in both villages and cities. No matter if one is rich or poor, everybody has a television set.
Television is a mode of mass communication. It is used for many purposes. Children watch it for their entertainment. Adults watch it to see the news. Sometimes, old people watch it for religious shows. Television is loved by all.
The television also has a story. In the beginning, there were no colours in the television. Everything was only black and white. Later on, all the other colours became available. The size of the television increased and it became thinner.
When people watch television for a long time, they forget all other work. However, the television is only a machine. It is up to us to use it responsibly.
Television is an integral part of our lives.
दूरदर्शन / टेलीविज़न पर निबंध
विज्ञान के कारण अनेक आविष्कार हुए हैं। उदा. रेडियो, फोन, दूरदर्शन (टेलीविज़न) और कंप्यूटर। इन सभी का उपयोग हम अपने घरों में करते हैं। मेरा मानना है कि दूरदर्शन उनमें से सबसे महत्वपूर्ण है।
दूरदर्शन (टेलीविज़न) अब हर जगह होता है। यह गाँवों और शहरों दोनों में पाया जा सकता है। कोई अमीर हो या गरीब, सबके पास दूरदर्शन (टेलीविज़न) है।
दूरदर्शन (टेलीविज़न) जनसंचार का एक माध्यम है। इसका उपयोग कई उद्देश्यों के लिए किया जाता है। बच्चे इसे अपने मनोरंजन के लिए देखते हैं। प्रौढ इसे समाचार देखने के लिए देखते हैं। कभी-कभी वृद्ध इसे भजन कार्यक्रमों के लिए देखते हैं। दूरदर्शन (टेलीविज़न) सभी को प्रिय होता है।
दूरदर्शन (टेलीविज़न) की भी एक कहानी है। शुरुआत में दूरदर्शन (टेलीविज़न) में रंग नहीं होते थे। सब कुछ केवल काला और सफ़ेद हुआ करता था। बाद में, अन्य सभी रंग उपलब्ध हो गए। दूरदर्शन (टेलीविज़न) का आकार बढ़ा और यह पतला हो गया।
जब लोग लंबे समय तक दूरदर्शन (टेलीविज़न) देखते हैं, तब वे अन्य सभी काम भूल जाते हैं। परंतु, दूरदर्शन (टेलीविज़न) केवल एक यंत्र है। इसका दायित्व से उपयोग करना हम पर निर्भर है।
दूरदर्शन (टेलीविज़न) हमारे जीवन का एक महत्त्वपूर्ण भाग है।