परोपकाराय फलन्ति वृक्षाः परोपकाराय वहन्ति नद्यः।
परोपकाराय दुहन्ति गावः परोपकारार्थम् इदं शरीरम्॥
paropakārāya phalanti vṛkṣāḥ paropakārāya vahanti nadyaḥ।
paropakārāya duhanti gāvaḥ paropakārārtham idaṃ śarīram॥
परोपकार के लिए वृक्ष फल देते हैं, परोपकार के लिए नदियाँ बहती हैं, परोपकार के लिए गाय दूध देती हैं, उसी तरह यह शरीर भी परोपकार के लिए ही है।
Trees bear fruits for others’ (to eat), Rivers flow for others’, Cows give milk for others’.
In the same way, this body is also meant to do good deeds for others.