प्रियवाक्यप्रदानेन सर्वे तुष्यन्ति मानवाः।
तस्मात् प्रियं हि वक्तव्यं वचने का दरिद्रता॥
priyavākyapradānena sarve tuṣyanti mānavāḥ।
tasmāt priyaṃ hi vaktavyam vacane kā daridratā॥
सर्वे मानवाः प्रियवाक्यप्रदानेन तुष्यन्ति। तस्मात् तत् एव वक्तव्यम्। वचने का दरिद्रता भवति?
प्रिय वाक्य बोलने से सभी लोग संतुष्ट होते हैं, इसलिए वैसे ही बोलना चाहिए। प्रिय वचन बोलने में दरिद्रता कैसी?
People love listening to sweet words, hence one should speak accordingly. Why then should one be a miser in using sweet words.