Basic Dialogue Writing on Beach in Sanskrit
This post is Basic Dialogue Writing on Beach in Sanskrit i.e. "समुद्रतटः" इति विषये सम्भाषणलेखनम्
This dialogue writing post can be referenced by school students and Sanskrit learners.
Transliteration, meaning in English and Hindi translation are given for better understanding.

"समुद्रतटः" इति विषये सम्भाषणलेखनम्
सुरेशः रमेशः च द्वे मित्रे स्तः। तौ तयोः परिवारौ च समुद्रतटम् आगताः। सुरेशः रमेशः च चर्चयतः।
सुरेशः – रमेश! समुद्रः बहुः विशालः अस्ति। त्वं किं कर्तुम् इच्छसि – त्वम् अत्र तरितुम् इच्छसि अथवा नौकया गन्तुम् इच्छसि?
रमेशः – सुरेश, अहं नौकया गन्तुम् इच्छामि।
सुरेशः – अस्तु। तत्र चल। तत्र एका नौका अस्ति।
सुरेशः रमेशः च नौकां गच्छतः। तत्र तौ द्वौ एकं जनं मिलतः।
रमेशः – नमो नमः, महोदय। भवान् कः अस्ति?
जनः – नमो नमः। मम नाम कृष्णः। अहं एतस्याः नौकायाः चालकः अस्मि।
सुरेशः – सम्यक्। आवां समुद्रं द्रष्टुम् इच्छावः।
कृष्णः – अस्तु, उपविशताम्। अहं भवन्तौ समुद्रं दर्शयिष्यामि।
सुरेशः महेशः च नौकायां उपविशतः। तौ समुद्रस्य विषये चर्चयतः।
रमेशः – सुरेश, समुद्रे विविधाः मत्स्याः तरन्ति।
सुरेशः – सत्यम्। केचन मत्स्याः विशालाः सन्ति। बहवः मत्स्याः लघवः सन्ति।
रमेशः – आम्। अत्र समुद्रस्य जलम् अपि शीतलम् अस्ति।
कृष्णः – बालकौ, अधुना समुद्रतटं प्रत्यागच्छामः।
सर्वे समुद्रतटं प्रत्यागच्छन्ति।
सुरेशः – अयम् अनुभवः सम्यक् आसीत्।
रमेशः – सत्यम्। अधुना खादितुं चल। आवयोः जनन्यौ आवाम् आह्वयतः।
***
गीता सीता च भगिन्यौ स्तः। ते द्वे समुद्रतटे स्तः। ते बालुकागृहं रचयतः।
गीता – सीते, अहं बालुकागृहं रचयितुम् इच्छामि।
सीता – आम्, अहम् अपि रचयितुम् इच्छामि। त्वं बालुकाभिः लघु गृहं रचयितुम् इच्छसि वा?
गीता – न, अहं बालुकाभिः प्रासादं रचयितुम् इच्छामि।
सीता – त्वं विशालं बालुकाप्रासादं रचयितुम् इच्छसि अथवा लघुं बालुकाप्रासादं रचयितुम् इच्छसि?
गीता – अहं विशालं बालुकाप्रासादं रचयितुम् इच्छामि।
सीता – गीते, बालुकाभिः प्रासादं कुत्र रचयिष्यावः?
गीता – सीते, आवां तत्र बालुकाप्रासादं रचयिष्यावः।
सीता – अस्तु। तत्र चल।
सीता गीता च बालुकाप्रासादं रचयतः। तदा एव एकः तरङ्गः वहति बालुकाप्रासादं नाशयति च।
सीता – गीते! आवयोः बालुकाप्रासादः तु नष्टः। अधुना किम्?
गीता – सीते, कापि समस्या नास्ति। आवां पुनः बालुकाप्रासादं रचयिष्यावः।
सीता – अस्तु। तत्र बालुकाप्रासादं रचयिष्यावः।
गीता सीता च पुनः बालुकाभिः एकं प्रासादं रचयतः।
***
एकः परिवारः समुद्रतटम् आगतः। परिवारे पुत्रः, पुत्री, माता, पिता, पितामहः पितामही च सन्ति।
माता – पुत्रौ, अधुना भोजनाय आगच्छतम्।
पुत्रः – आं जननि! वयं सर्वे आगच्छामः। जनक! चलतु, जननी अह्वयति।
पिता – आम्। चलतु। अहं बुभुक्षुः अस्मि।
पुत्री – आं जनक। अहम् अपि बुभुक्षुः अस्मि।
पुत्रः, पुत्री पिता च सर्वेऽपि भोजनाय गच्छन्ति।
पितामहः – पौत्र! अत्र आगच्छ। तव जननी विविधानि पक्वान्नानि अपचत्। एतेषु त्वं किं खादितुम् इच्छसि?
पौत्रः – अहं मिष्टान्नं खादितुम् इच्छामि।
पितामही – पौत्रि, त्वं किं खादितुम् इच्छसि?
पौत्री – अहम् अपि मिष्टान्नं खादितुम् इच्छामि।
माता – पुत्रौ, अहं तु मिष्टान्नं न अपचम्।
पिता – कापि समस्या नास्ति। तत्र एकः पयोहिमविक्रेता अस्ति। सर्वेभ्यः पयोहिमानि आनयतं, पुत्रौ।
पुत्रः पुत्री च – अस्तु।
पुत्रः पुत्री च पयोहिमविक्रेतरं गच्छतः। तौ तत्र पयोहिमानि क्रीणीतः तानि आनयतः च।
पुत्री – एतानि सर्वेभ्यः पयोहिमानि सन्ति।
सर्वे स्वपयोहिमं स्वीकृत्य खादन्ति।
पितामही – इदं पयोहिमं स्वादु अस्ति।
पितामहः – सत्यम्। अहम् इदं खादित्वा आनन्दामि।
पिता – जनक, केवलं भवान् न आनन्दति, वयं सर्वेऽपि आनन्दामः।
सर्वेऽपि आनन्देन स्वपयोहिमं खादन्ति।
Basic Dialogue Writing on Beach
Suresh and Ramesh are two friends. Both of them have come to the beach along with their families. Ramesh and Suresh are talking to each other.
Suresh – Ramesh, the sea is very big. What do you want to do here? Swimming or boat riding?
Ramesh – Suresh, I want to do boat riding.
Suresh – Ok. Let’s go there. There is a boat over there.
Suresh or Ramesh go near the boat. They meet a man there.
Ramesh – Hello, who are you?
Man: Hello, my name is Krishna. I am the boatsman of this boat.
Suresh: Good, we want to view the sea.
Krishna: Ok, sit in the boat. I’ll show the sea to you two.
Suresh and Ramesh sit in the boat. Both of them talk about the sea.
Ramesh: Suresh, there are various kinds of fish here.
Suresh: True. Some fish are big and many are small.
Ramesh: Yes, the seawater is very cool.
Krishna: Children, now we will return to the shore.
All of them return to the shore.
Suresh: This experience was very nice.
Ramesh: True, now let’s eat something. Our mothers are calling for us.
***
Gita and Sita are sisters. They both are on the beach. They are making a sandcastle.
Gita: Sita, I want to make a house out of sand.
Sita: Yes, I also want to make one. Do you want to make a small house out of sand?
Gita: No, I want to make a castle out of sand.
Sita: Do you want to make a large sandcastle or a small sandcastle?
Gita: I want to make a large sandcastle.
Sita: Gita, where should we make the sandcastle?
Gita: Sita, Let’s make the sandcastle over there.
Sita: Ok, let’s go there.
Gita and Sita make a sandcastle. At that time, a wave comes and washes it away.
Sita: Gita! Our sandcastle has been washed away. Now what shall we do?
Gita: Sita, no problem. We will make another sandcastle.
Sita: Ok, let’s make a sandcastle over there.
Gita and Sita make another sandcastle.
***
A family has come to the beach. The family includes the son, daughter, mother, father, grandfather and grandmother.
Mother: Children! Now come here to have some food.
Son: Yes, mother! We’re coming. Father! Come, mother is calling us.
Father: Yes, let’s go. I am very hungry.
Daughter: Yes, father. I am also hungry.
The father, son and daughter go to have food.
Grandfather: Grandson! Come here. Your mother has made so many delicious food items. Which one do you want to eat?
Son: I want to eat something sweet.
Grandmother: Granddaughter, what do you want to eat?
Daughter: I also want to eat something sweet.
Mother: But children, I haven’t made any sweets.
Father: No problem. An ice-cream vendor is over there. Bring ice creams for everyone, children.
Son and Daughter: Ok.
The son and daughter go to the ice cream vendor. They buy ice-cream and bring them back.
Daughter: Here are ice-creams for everyone.
Everyone takes their own ice-cream and eats them.
Grandmother: This ice-cream is very tasty.
Grandfather: True. I feel joyful after eating this.
Father: Father, not only you, but all of us feel happy after eating this.
Everybody happily eats their own ice-cream.
समुद्र तट पर मूल संवाद लेखन
सुरेश और रमेश दो मित्र हैं। दोनों उनके परिवारों के साथ समुद्र किनारे आए हैं। रमेश और सुरेश बातें कर रहे हैं।
सुरेश – रमेश, समुद्र बहुत बड़ा है। तुम यहाँ क्या करना चाहते हो – तैरना चाहते हो या नौका में घूमना है?
रमेश – सुरेश, मुझे नौका में घूमना है।
सुरेश – ठीक है। वहाँ चलते है। वहाँ एक नौका है।
सुरेश और रमेश नौका के पास जाते है। वहाँ वे दोनों एक आदमी को मिलते है।
रमेश – नमस्कार, आप कौन है?
आदमी – नमस्कार, मेरा नाम कृष्ण है। मैं इस नौका का चालक हूँ।
सुरेश – उत्तम, हमें समुद्र देखने की इच्छा हैं।
कृष्ण – ठीक है। बैठो। मैं तुम दोनों को समुद्र दिखाता हूँ।
सुरेश और रमेश नौका में बैठते हैं। वे दोनों समुद्र के विषय में बात करते हैं।
रमेश – सुरेश, समुद्र में विविध प्रकार की मछलियाँ हैं।
सुरेश – सच में। कुछ मछलियाँ बड़ी हैं। बहुत मछलियाँ छोटी हैं।
रमेश – हाँ, समुद्र का पानी भी शीतल है।
कृष्ण – बच्चों, अभी समुद्र किनारे वापस लौटते हैं।
सर्व समुद्र किनारे लौटते हैं।
सुरेश – यह अनुभव अच्छा था।
रमेश – सच में। अभी कुछ खाते हैं। हमारी माताएँ हमें बुला रही हैं।
***
सीता और गीता बहनें हैं। वे दोनों समुद्र किनारे हैं। वे बालू का घर बना रहे हैं।
गीता – सीता, मुझे बालू का घर बनाना है।
सीता – हाँ, मुझे भी बनाना है। तुम्हें बालू का छोटा घर बनाना है क्या?
गीता – नहीं। मुझे बालू का महल बनाना है।
सीता – तुम्हें बड़ा बालू का महल बनाना है या छोटा?
गीता – मुझे बड़ा बालू का महल बनाना है।
सीता – गीता, बालू का महल कहाँ बनाएँगे?
गीता – सीता, हम वहाँ बालू का महल बनाएंगे।
सीता – ठीक है, वहाँ चलते हैं।
सीता और गीता बालू का महल बनाते हैं। तभी वहाँ एक पानी की लहर आकर बालू का महल नष्ट कर देती है।
सीता – गीता, अपना बालू का महल तो नष्ट हो गया। अभी क्या?
गीता – सीता, कोई बात नहीं। हम फिर से बालू का महल बनाते हैं।
सीता – हम वहाँ बालू का महल बनाते हैं।
गीता और सीता फिर से बालू का एक महल बनाते हैं।
***
एक परिवार समुद्र के किनारे आया है। परिवार में बेटा, बेटी, माता, पिता, दादाजी और दादीजी हैं।
माता – बच्चों! अभी खाना खाने के लिए आ जाओ।
बेटा (राम) – हाँ माँ। हम सब आ रहे हैं। पिताजी, चलिए। माँ बुला रही है।
पिताजी – हाँ, चलो। मुझे भूख लगी है।
बेटी (गीता) – हाँ, पिताजी। मुझे भी भूख लगी है।
राम गीता और पिताजी खाने के लिए जाते हैं।
दादाजी – राम, यहाँ आओ। तुम्हारी माँ ने बहुत पकवान बनाएँ हैं। तुम्हें क्या खाना है।
राम – मुझे मीठा खाने की इच्छा है।
दादीजी – गीता, तुम्हें क्या खाने की इच्छा है?
गीता – मुझे भी मीठा खाना है।
माता – बच्चों, परंतु मैंने मीठा नहीं बनाया है।
पिताजी – कोई बात नहीं। वहाँ एक आईस्क्रीम वाला है। बच्चों, सबके लिए आइसक्रीम लेकर आओ।
राम और गीता – ठीक है।
राम और गीता आईस्क्रीम वाले के पास जाते हैं। वे दोनों आइसक्रीम लेकर आते हैं।
गीता – ये सबकी आईस्क्रीम हैं।
सब लोग अपनी-अपनी आइसक्रीम लेकर खाते हैं।
दादीजी – यह आइसक्रीम स्वादिष्ट है।
दादाजी – सच में। यह खाकर मुझे आनंद हो रहा है।
पिताजी – पिताजी, हम सबको भी आनंद हो रहा है।
सभी लोग आनंद से अपनी-अपनी आइसक्रीम खाते हैं।