In Sanskrit, Words are known as शब्दाः (śabdāḥ). There are three grammatical genders, three grammatical numbers and eight cases. The ending of the words are decided according to their grammatical gender, number and case which, when combined create a specific meaning.
Word Cases – In Sanskrit, these are known as शब्दरूपाणि (śabdarūpāṇi). They change according to the end of each word.
Prakrutih – This is the ending of each word. Each word can end with a vowel or a consonant. Some word endings are rare, but still we will be sharing them with you.
Grammatical Genders – In Sanskrit, these are known as लिङ्गानि (liṅgāni), namely, पुल्लिङ्गम् (Masculine Gender). स्त्रीलिङ्गम् (Feminine Gender), and नपुंसकलिङ्गम् (Neuter Gender). In the masculine and feminine genders, not necessarily only living things will be there, non-living things are also present. In the neuter gender, some words such as ‘Mitra’ are present, which are used for some person.
Grammatical Numbers – In Sanskrit, these are known as वचनानि (vacanāni), namely, एकवचनम् (Singular), द्विवचनम् (Dual), and बहुवचनम् (Plural).
Vibhaktayah/Karakah – This is a detailed explanation of what are the uses of cases in Sanskrit and what they mean.
Indiclinables – In Sanskrit, these are known as अव्ययाः (avyayāḥ). No matter how the sentence is, these words’ forms will never change and they always remain the same.
Upapada-Vibhaktayah – These are some special words. Whenever a word is used with respect to them, that word’s Vibhakti will not be according to logic, but according to a special rule. The same is true for verbs, but here we are just going to share with you the words.
अकारन्ताः/आकारान्ताः श्ब्दरूपाणि (akārantāḥ/ākārāntāḥ śbdarūpāṇi)
‘देव’ अकारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
देवः | देवौ | देवाः | प्रथमा |
देवम् | देवौ | देवान् | द्वितिया |
देवेन | देवाभ्याम् | देवैः | तृतीया |
देवाय | देवाभ्याम् | देवेभ्यः | चतुर्थी |
देवात् | देवाभ्याम् | देवेभ्यः | पञ्चमी |
देवस्य | देवयोः | देवानाम् | षष्ठी |
देवे | देवयोः | देवेषु | सप्तमी |
हे देव! | हे देवौ! | हे देवाः! | सम्बोधनम् |
‘माला’ आकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
माला | माले | मालाः | प्रथमा |
मालाम् | माले | मालाः | द्वितिया |
मालया | मालाभ्याम् | मालाभिः | तृतीया |
मालायै | मालाभ्याम् | मालाभ्यः | चतुर्थी |
मालायाः | मालाभ्याम् | मालाभ्यः | पञ्चमी |
मालायाः | मालयोः | मालानाम् | षष्ठी |
मालायाम् | मालयोः | मालासु | सप्तमी |
हे माले! | हे माले! | हे मालाः! | सम्बोधनम् |
‘वन’ अकारान्तः नपुंसकङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
वनम् | वने | वनानि | प्रथमा |
वनम् | वने | वनानि | द्वितिया |
वनेन | वनाभ्याम् | वनैः | तृतीया |
वनाय | वनाभ्याम् | वनेभ्यः | चतुर्थी |
वनात् | वनाभ्याम् | वनेभ्यः | पञ्चमी |
वनस्य | वनयोः | वनानाम् | षष्ठी |
वने | वनयोः | वनेषु | सप्तमी |
हे वन! | हे वने! | हे वनानि! | सम्बोधनम् |
इकारान्तः/ईकारान्तः शब्दाः (ikārāntaḥ/īkārāntaḥ śabdāḥ)
‘मुनि’ इकारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
मुनिः | मुनी | मुनयः | प्रथमा |
मुनिम् | मुनी | मुनीन् | द्वितिया |
मुनिना | मुनिभ्याम् | मुनिभिः | तृतीया |
मुनये | मुनिभ्याम् | मुनिभ्यः | चतुर्थी |
मुनेः | मुनिभ्याम् | मुनिभ्यः | पञ्चमी |
मुनेः | मुन्योः | मुनीनाम् | षष्ठी |
मुनौ | मुन्योः | मुनिषु | सप्तमी |
हे मुने! | हे मुनी! | हे मुनयः! | सम्बोधनम् |
‘मति’ इकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
मतिः | मती | मतयः | प्रथमा |
मतिम् | मती | मतीः | द्वितिया |
मत्या | मतिभ्याम् | मतिभिः | तृतीया |
मत्यै/मतये | मतिभ्याम् | मतिभ्यः | चतुर्थी |
मत्याः/मतेः | मतिभ्याम् | मतिभ्यः | पञ्चमी |
मत्याः/मतेः | मत्योः | मतीनाम् | षष्ठी |
मत्याम्/मतौ | मत्योः | मतिषु | सप्तमी |
हे मते! | हे मती! | हे मतयः! | सम्बोधनम् |
‘वारि’ इकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
वारि | वारिणी | वारीणि | प्रथमा |
वारि | वारिणी | वारीणि | द्वितिया |
वारिणा | वारिभ्याम् | वारिभिः | तृतीया |
वारिणे | वारिभ्याम् | वरिभ्यः | चतुर्थी |
वारिणः | वारिभ्याम् | वरिभ्यः | पञ्चमी |
वारिणः | वारिणोः | वारीणाम् | षष्ठी |
वारिणि | वारिणोः | वारिषु | सप्तमी |
हे वारे/वारि! | हे वारिणी! | हे वारीणि! | सम्बोधनम् |
‘नदी’ ईकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
नदी | नद्यौ | नद्यः | प्रथमा |
नदीम् | नद्यौ | नदीः | द्वितिया |
नद्या | नदीभ्याम् | नदीभिः | तृतीया |
नद्यै | नदीभ्याम् | नदीभ्यः | चतुर्थी |
नद्याः | नदीभ्याम् | नदीभ्यः | पञ्चमी |
नद्याः | नद्योः | नदीनाम् | षष्ठी |
नद्याम् | नद्योः | नदीषु | सप्तमी |
हे नदि! | हे नद्यौ! | हे नद्यः! | सम्बोधनम् |
उकारान्तः/ऊकारान्तः शब्दाः (ukārāntaḥ/ūkārāntaḥ śabdāḥ)
‘भानु’ उकारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
भानुः | भानू | भानवः | प्रथमा |
भानुम् | भानू | भानून् | द्वितिया |
भानुना | भानुभ्याम् | भानुभिः | तृतीया |
भानवे | भानुभ्याम् | भानुभ्यः | चतुर्थी |
भानोः | भानुभ्याम् | भानुभ्यः | पञ्चमी |
भानोः | भान्वोः | भानूनाम् | षष्ठी |
भानौ | भान्वोः | भानुषु | सप्तमी |
हे भानो! | हे भानू! | हे भानवः! | सम्बोधनम् |
‘धेनु’ उकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
धेनुः | धेनू | धेनवः | प्रथमा |
धेनुम् | धेनू | धेनूः | द्वितिया |
धेन्वा | धेनुभ्याम् | धेनुभिः | तृतीया |
धेनवे/धेन्वै | धेनुभ्याम् | धेनुभ्यः | चतुर्थी |
धेनोः/धेन्वाः | धेनुभ्याम् | धेनुभ्यः | पञ्चमी |
धेनोः/धेन्वाः | धेन्वोः | धेनूनाम् | षष्ठी |
धेनौ/धेन्वाम् | धेन्वोः | धेनुषु | सप्तमी |
हे धेनो! | हे धेनू! | हे धेनवः! | सम्बोधनम् |
‘मधु’ उकारान्तः नपुंसकलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
मधु | मधुनी | मधूनि | प्रथमा |
मधु | मधुनी | मधूनि | द्वितिया |
मधुना | मधुभ्याम् | मधुभिः | तृतीया |
मधुने | मधुभ्याम् | मधुभ्यः | चतुर्थी |
मधुनः | मधुभ्याम् | मधुभ्यः | पञ्चमी |
मधुनः | मधुनोः | मधूनाम् | षष्ठी |
मधुनि | मधुनोः | मधुषु | सप्तमी |
हे मधु/मधो! | हे मधुनी! | हे मधूनि! | सम्बोधनम् |
‘वधू’ ऊकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
वधूः | वध्वौ | वध्वः | प्रथमा |
वधूम् | वध्वौ | वधूः | द्वितिया |
वध्वा | वधूभ्याम् | वधूभिः | तृतीया |
वध्वै | वधूभ्याम् | वधूभ्यः | चतुर्थी |
वध्वाः | वधूभ्याम् | वधूभ्यः | पञ्चमी |
वध्वाः | वध्वोः | वधूनाम् | षष्ठी |
वध्वाम् | वध्वोः | वधुषु | सप्तमी |
हे वधु! | हे वध्वौ! | हे वध्वः! | सम्बोधनम् |
ऋकारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः (ṛkārāntaḥ pulliṅgam śabdaḥ)
‘पितृ’ ऋकारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
पिता | पितरौ | पितरः | प्रथमा |
पितरम् | पितरौ | पितॄन् | द्वितिया |
पित्रा | पितृभ्याम् | पितृभिः | तृतीया |
पित्रे | पितृभ्याम् | पितृभ्यः | चतुर्थी |
पितुः | पितृभ्याम् | पितृभ्यः | पञ्चमी |
पितुः | पित्रोः | पितॄणाम् | षष्ठी |
पितरि | पित्रोः | पितृषु | सप्तमी |
हे पितः/पितर्! | हे पितरौ! | हे पितरः! | सम्बोधनम् |
‘मातृ’ ऋकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
माता | मातरौ | मातरः | प्रथमा |
मातरम् | मातरौ | मातॄः | द्वितिया |
मात्रा | मातृभ्याम् | मातृभिः | तृतीया |
मात्रे | मातृभ्याम् | मातृभ्यः | चतुर्थी |
मातुः | मातृभ्याम् | मातृभ्यः | पञ्चमी |
मातुः | मात्रोः | मातॄणाम् | षष्ठी |
मातरि | मात्रोः | मातृषु | सप्तमी |
हे मातः/मातर्! | हे मातरौ! | हे मातरः! | सम्बोधनम् |
‘धातृ’ ऋकारान्तः नपुंसकलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
धातृ | धातृणी | धातॄणि | प्रथमा |
धातृ | धातृणी | धातॄणि | द्वितिया |
धात्रा/धातृणा | धातृभ्याम् | धातृभिः | तृतीया |
धात्रे/धातृणे | धातृभ्याम् | धातृभ्यः | चतुर्थी |
धातुः/धातृणः | धातृभ्याम् | धातृभ्यः | पञ्चमी |
धातुः/धातृणः | धात्रोः/धातृणोः | धातॄणाम् | षष्ठी |
धातरि/धातृणि | धात्रोः/धातृणोः | धातृषु | सप्तमी |
हे धातः/धातृ! | हे धातृणी! | हे धातॄणि! | सम्बोधनम् |
‘त्’कारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः (‘t’kārāntaḥ pulliṅgam śabdaḥ)
भूभृत् ‘त्’कारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
भूभृत् | भूभृतौ | भूभृतः | प्रथमा |
भूभृतम् | भूभृतौ | भूभृतः | द्वितिया |
भूभृता | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भिः | तृतीया |
भूभृते | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भ्यः | चतुर्थी |
भूभृतः | भूभृद्भ्याम् | भूभृद्भ्यः | पञ्चमी |
भूभृतः | भूभृतोः | भूभृताम् | षष्ठी |
भूभृति | भूभृतोः | भूभृत्सु | सप्तमी |
हे भूभृत्/भूभृद्! | हे भूभृतौ! | हे भूभृतः! | सम्बोधनम् |
सरित् ‘त्’कारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
सरित् | सरितौ | सरितः | प्रथमा |
सरितम् | सरितौ | सरितः | द्वितिया |
सरिता | सरिद्भ्याम् | सरिद्भिः | तृतीया |
सरिते | सरिद्भ्याम् | सरिद्भ्यः | चतुर्थी |
सरितः | सरिद्भ्याम् | सरिद्भ्यः | पञ्चमी |
सरितः | सरितोः | सरिताम् | षष्ठी |
सरिति | सरितोः | सरित्सु | सप्तमी |
हे सरित्/सरिद्! | हे सरितौ! | हे सरितः | सम्बोधनम् |
जगत् ‘त्’कारान्तः नपुंसकलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
जगत् | जगती | जगन्ति | प्रथमा |
जगत् | जगती | जगन्ति | द्वितिया |
जगता | जगद्भ्याम् | जगद्भिः | तृतीया |
जगते | जगद्भ्याम् | जगद्भ्यः | चतुर्थी |
जगतः | जगद्भ्याम् | जगद्भ्यः | पञ्चमी |
जगतः | जगतोः | जगताम् | षष्ठी |
जगति | जगतोः | जगत्सु | सप्तमी |
हे जगत्! | हे जगती! | हे जगन्ति! | सम्बोधनम् |
‘च्’कारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः (‘c’kārāntaḥ strīliṅgam śabdaḥ)
वाच् ‘च्’कारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
वाक्-वाग् | वाचौ | वाचः | प्रथमा |
वाचम् | वाचौ | वाचः | द्वितिया |
वाचा | वाग्भ्याम् | वाग्भिः | तृतीया |
वाचे | वाग्भ्याम् | वाग्भ्यः | चतुर्थी |
वाचः | वाग्भ्याम् | वाग्भ्यः | पञ्चमी |
वाचः | वाचोः | वाचाम् | षष्ठी |
वाचि | वाचोः | वाक्षु | सप्तमी |
हे वाक्-वाग्! | हे वाचौ! | हे वाचः! | सम्बोधनम् |
‘स्’कारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः (‘s’kārāntaḥ pulliṅgam śabdaḥ)
चन्द्रमस् ‘स्’कारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
चन्द्रमाः | चन्द्रमसौ | चन्द्रमसः | प्रथमा |
चन्द्रमसम् | चन्द्रमसौ | चन्द्रमसः | द्वितिया |
चन्द्रमसा | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभिः | तृतीया |
चन्द्रमसे | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभ्यः | चतुर्थी |
चन्द्रमसः | चन्द्रमोभ्याम् | चन्द्रमोभ्यः | पञ्चमी |
चन्द्रमसः | चन्द्रमसोः | चन्द्रमसाम् | षष्ठी |
चन्द्रमसि | चन्द्रमसोः | चन्द्रमःसु/चन्द्रमस्सु | सप्तमी |
हे चन्द्रमः! | हे चन्द्रमसौ! | हे चन्द्रमसः! | सम्बोधनम् |
अप्सरस् ‘स्’कारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
अप्सराः | अप्सरसौ | अप्सरसः | प्रथमा |
अप्सरसम् | अप्सरसौ | अप्सरसः | द्वितिया |
अप्सरसा | अप्सरोभ्याम् | अप्सरोभिः | तृतीया |
अप्सरसे | अप्सरोभ्याम् | अप्सरोभ्यः | चतुर्थी |
अप्सरसः | अप्सरोभ्याम् | अप्सरोभ्यः | पञ्चमी |
अप्सरसः | अप्सरसोः | अप्सरसाम् | षष्ठी |
अप्सरसि | अप्सरसोः | अप्सरःसु/अप्सरस्सु | सप्तमी |
हे अप्सरः! | हे अप्सरसौ! | हे अप्सरसः! | सम्बोधनम् |
मनस् ‘स्’कारान्तः नपुंसकलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
मनः | मनसी | मनांसि | प्रथमा |
मनः | मनसी | मनांसि | द्वितिया |
मनसा | मनोभ्याम् | मनोभिः | तृतीया |
मनसे | मनोभ्याम् | मनोभ्यः | चतुर्थी |
मनसः | मनोभ्याम् | मनोभ्यः | पञ्चमी |
मनसः | मनसोः | मनसाम् | षष्ठी |
मनसि | मनसोः | मनःसु/मनस्सु | सप्तमी |
हे मनः! | हे मनसी! | हे मनांसि! | सम्बोधनम् |