Sanskrit Word Forms
शब्दरूपाणि (Śabdarūpāṇi)
Chapter
3
Skill Level
Intermediate
Language
Sanskrit explained in English
Overview
Hope you have understood and learnt Grammatical Numbers, Persons & Genders and Cases & Tenses in chapter 1 & 2 respectively.
This is the third chapter in this series. This chapter explains the Word Forms of Sanskrit language.
शब्दरूपाणि (Śabdarūpāṇi) are word cases in Sanskrit. They are influenced by the प्रकृतिः (Prakṛtiḥ), लिङ्गम् (Liṅgam) and of the प्रातिपदिकम् (Prātipadikam).
Learning this chapter will help you:
- Understand Word Forms
Who is the chapter for?
- A person interested in learning Sanskrit.
- One who wants to learn Sanskrit Word Forms
Word Forms
शब्दरूपाणि (Śabdarūpāṇi)
Each word form has a specific meaning which is known as its कारकम् (Kārakam) and the group in which it belongs is known as the विभक्तिः (Vibhaktiḥ).
Word forms for words of a particular kind will always be the same e.g. If the word forms of the Pratipādikaḥ, ‘देव (Deva)’ which is an अकारान्तः (Akārāntaḥ) (ending in अ (a)) पुल्लिङ्गम् (Pulliṅgam) (masculine gender) word are used, they will be the same for all Akārāntaḥ Pulliṅgam words.
A few words are given below whose word forms can be replicated for other words of their kind:
अकारन्ताः/आकारान्ताः शब्दरूपाणि
‘देव’ अकारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
देवः | देवौ | देवाः | प्रथमा |
देवम् | देवौ | देवान् | द्वितिया |
देवेन | देवाभ्याम् | देवैः | तृतीया |
देवाय | देवाभ्याम् | देवेभ्यः | चतुर्थी |
देवात् | देवाभ्याम् | देवेभ्यः | पञ्चमी |
देवस्य | देवयोः | देवानाम् | षष्ठी |
देवे | देवयोः | देवेषु | सप्तमी |
हे देव! | हे देवौ! | हे देवाः! | सम्बोधनम् |
‘माला’ आकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
माला | माले | मालाः | प्रथमा |
मालाम् | माले | मालाः | द्वितिया |
मालया | मालाभ्याम् | मालाभिः | तृतीया |
मालायै | मालाभ्याम् | मालाभ्यः | चतुर्थी |
मालायाः | मालाभ्याम् | मालाभ्यः | पञ्चमी |
मालायाः | मालयोः | मालानाम् | षष्ठी |
मालायाम् | मालयोः | मालासु | सप्तमी |
हे माले! | हे माले! | हे मालाः! | सम्बोधनम् |
‘वन’ अकारान्तः नपुंसकङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
वनम् | वने | वनानि | प्रथमा |
वनम् | वने | वनानि | द्वितिया |
वनेन | वनाभ्याम् | वनैः | तृतीया |
वनाय | वनाभ्याम् | वनेभ्यः | चतुर्थी |
वनात् | वनाभ्याम् | वनेभ्यः | पञ्चमी |
वनस्य | वनयोः | वनानाम् | षष्ठी |
वने | वनयोः | वनेषु | सप्तमी |
हे वन! | हे वने! | हे वनानि! | सम्बोधनम् |
इकारान्तः/ईकारान्तः शब्दाः
‘मुनि’ इकारान्तः पुल्लिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
मुनिः | मुनी | मुनयः | प्रथमा |
मुनिम् | मुनी | मुनीन् | द्वितिया |
मुनिना | मुनिभ्याम् | मुनिभिः | तृतीया |
मुनये | मुनिभ्याम् | मुनिभ्यः | चतुर्थी |
मुनेः | मुनिभ्याम् | मुनिभ्यः | पञ्चमी |
मुनेः | मुन्योः | मुनीनाम् | षष्ठी |
मुनौ | मुन्योः | मुनिषु | सप्तमी |
हे मुने! | हे मुनी! | हे मुनयः! | सम्बोधनम् |
‘मति’ इकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
मतिः | मती | मतयः | प्रथमा |
मतिम् | मती | मतीः | द्वितिया |
मत्या | मतिभ्याम् | मतिभिः | तृतीया |
मत्यै/मतये | मतिभ्याम् | मतिभ्यः | चतुर्थी |
मत्याः/मतेः | मतिभ्याम् | मतिभ्यः | पञ्चमी |
मत्याः/मतेः | मत्योः | मतीनाम् | षष्ठी |
मत्याम्/मतौ | मत्योः | मतिषु | सप्तमी |
हे मते! | हे मती! | हे मतयः! | सम्बोधनम् |
‘वारि’ इकारान्तः स्त्रीलिङ्गम् शब्दः
एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् | विभक्तिः |
वारि | वारिणी | वारीणि | प्रथमा |
वारि | वारिणी | वारीणि | द्वितिया |
वारिणा | वारिभ्याम् | वारिभिः | तृतीया |
वारिणे | वारिभ्याम् | वरिभ्यः | चतुर्थी |
वारिणः | वारिभ्याम् | वरिभ्यः | पञ्चमी |
वारिणः | वारिणोः | वारीणाम् | षष्ठी |
वारिणि | वारिणोः | वारिषु | सप्तमी |
हे वारे/वारि! | हे वारिणी! | हे वारीणि! | सम्बोधनम् |