Essay on Importance of Art in Sanskrit
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कलानां महत्त्वम् इति विषये संस्कृते निबन्धः।
कलायाः परिभाषा विस्तीर्णा अस्ति। यदपि कार्यम् अनुशासनेन सौन्दर्येण च कर्तुं शक्यते, सा कला।
मनुष्यसंस्कृतौ सहस्रेषु वर्षेषु नैकाः कलाः उद्भूताः। भारतीयसंस्कृतौ भेदितानां कलानां संख्या चतुष्षष्टिः। एतासु गायनं, नृत्यं, चित्रकला च आधुनिककालस्य प्रमुखकलाः। सर्वाः अपि कलाः आदरणीयाः, यतः ताः मनुष्यजीवने सौन्दर्यं वर्धयन्ति।
यदि कोऽपि कलायां शिक्षां गृह्णाति, तर्हि तस्मै पूर्णजीवनाय रुचिः प्राप्यते। तस्मादपि अधिकं, मनुष्यात्मनः उद्धारः भवति। अस्य कारणं यत्, कला सर्वत्र सुखं प्रसारयति। केचन जनाः, येभ्यः कला अतीव प्रिया अस्ति, ते तस्याम् निपुणतां प्राप्य तामेव जीवनकार्यरूपेण स्वीकुर्वन्ति।
सामान्यजनेभ्यः कला मनोरञ्जनस्य साधनम् अस्ति। कलायां विशारदेभ्यः कला देवस्य पूजातुल्या। परन्तु सर्वेभ्यः जनेभ्यः कला चिन्तायाः निवारणस्य साधनम्। चिकित्सया इदं संशोधितं, यत् कलया नीरसता निर्गच्छति। कला सृजनशीलताम् अपि वर्धयति।
अतः जीवनस्य उद्धाराय मनुष्यजीवने कलाः भवेयुः। सत्यमेव उक्तम् –
साहित्यसङ्गीतकलाविहीनः साक्षात्पशुः पुच्छविषाणहीनः।
तृणं न खादन्नपि जीवमानः तद्भागधेयं परमं पशूनाम्॥
Essay on Importance of Art
The boundaries of ‘Art’ are quite expansive. Whatever can be performed or presented with discipline and beauty can be called an art.
In the thousands of years of human culture, many forms of art have evolved. The number of distinctly divided art forms in India is sixty–four. Out of these, singing, dancing and the visual arts have emerged as the most prominent in modern times. All art forms must be respected, because they beautify human life.
If anyone learns an art form, then he/she gains a lifelong interest. Even more than just a hobby, the human soul is elevated. This is because art spreads happiness everywhere. Some people, to whom art is very dear, become experts in it and take it up as a profession.
For normal people, art is a form of refreshment in their life. For those who are professionals, art is the worship of the Gods. But for all, art is a form of dispelling worry. It has been found medically that art helps reduce depression and bad moods. Also, the arts help increase productivity.
So, for the upliftment of human life, the arts must always be there. It is truly said –
A person who is detached from literature, music and the arts, is truly an animal, just lacking a tail and some horns.
That these are still alive despite not having to graze grass, is the greatest fortune of these animals.
कला का महत्त्व पर निबंध
‘कला’ की परिभाषा बहुत विस्तृत है। जो कुछ भी अनुशासन और सुंदरता के साथ किया जा सकता है, उसे कला कहा जा सकता है।
मानव संस्कृति के हजारों वर्षों में, कला के अनेक रूप विकसित हुए हैं। भारत में विविध कला रूपों की संख्या चौंसठ है। इनमें से गायन, नृत्य और चित्रकला आधुनिक काल के सबसे प्रमुख कलाप्रकार हैं। कला के सभी रूपों का सम्मान किया जाना चाहिए, क्योंकि वे मानव जीवन का उद्धार करते हैं।
यदि कोई व्यक्ति कला सीखता है, तो उसे आजीवन रुचि प्राप्त होती है। उससे भी अधिक, मानव आत्मा का उद्धार होता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि कला हर जगह आनंद फैलाती है। कुछ लोग, जिन्हें कला बहुत प्रिय होती है, वे इसमें विशारद बन जाते हैं और इसे अपना जीवनकार्य बना लेते हैं।
सामान्य लोगों के लिए, कला उनके जीवन में मनोरंजन का एक साधन है। जो विशारद हैं, उनके लिए कला देव की पूजा समान है। लेकिन सभी के लिए, कला चिंता दूर करने का एक साधन है। चिकित्सा से यह पाया गया है कि कला नीरसता को कम करने में मदद करती है। साथ ही, कला सृजनशीलता बढ़ाने में मदद करती है।
अतः मानव जीवन के उद्धार के लिए कलाएँ सदैव होनी चाहिए। सही कहा गया है –
जिस व्यक्ति को साहित्य, संगीत और कला कोई ज्ञान न हो, सच में पशु है, केवल पूँछ और सींग उसे नहीं हैं।
ये घास चरने के बिना भी जीवित हैं, यह ही इन पशुओं का परम भाग्य है।